गुरुवार, 3 दिसंबर 2009

बुन्देली भाषा सम्मलेन, ओरछा.

अखिल भारतीय बुंदेलखंड साहित्य एवं संस्कृति परिषद्, भोपाल
न्यौतो
बुन्देली भाषा सम्मलेन, ओरछा.
मान्यवर,
ओरछेश महाराज बीरसिंह जू देव (प्रथम) की जयन्ती और "बुन्देल-केसरी" छत्रसाल जू के पुन्य परब पे बुंदेलखंड की प्राचीन राजधानी एवं तीर्थ ओर्छ में दो दिवसीय बुन्देली भाषा की मानकीकरण कार्यशाला में अपन सादर न्यौते हैं .
उदघाटन ५ दिसंबर ०९ शनिवार के भुन्सरौं भारत के केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्य-मंत्री माननीय श्री प्रदीप जैन आदित्य जू करेंगे. समापन ०६ दिसंबर ०९ रविवार कों मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री माननीय डॉ. रामकृष्ण कुसमारिया जू करेंगे.
ओरछेश महाराज माननीय श्री मधुकर शाह जू देव समारोह के स्वागताध्यक्ष हूईयें.
अपनी अवश्य कें अवाई होवे.
सबई कार्यक्रम ओरछा के होटल "बुंदेलखंड रिवर साइड" के सभाभवन में हूईयें.

बिन्तवार

कैलाश मड़बैया कपिल देव तेलंग आरती दुबे देवी प्रसाद खरे
अध्यक्ष उपाध्यक्ष साहित्य मंत्री स्थानीय संयोजक


कार्यक्रम
०५ दिसंबर शनिवार
भुन्सरों १० बजे- उदघाटन सत्र "बुंदेलखंड रिवर साइड" ओरछा (टीकमगढ़) म.प्र.
-'- ११ बजे- पैलो सत्र- ध्वन्यात्मक आधार पै मानकीकरण
दुपरै १२.३० बजे- दूसरौ सत्र- ब्याकरण-शब्दभेद
-"- २ बजे ज्यौनार
दुपर लौटें ३ बजे- तीसरौ सत्र- कारक और प्रत्यय
-"- ४ बजे चौथौ सत्र- क्रिया पद
संजा ०७ बजे ब्यारी
राते ८ बजे से बुन्देली कवि सम्मेलन

०६ दिसंबर २००९ एन्तवार
भुन्सरौ ९ बजे पांचवों सत्र वाक्य रचना के आधार पै मानकीकरण.
भुन्सरौं १०.३० बजे छ्ठ्बों सत्र शैली के आधार पै मानकीकरण
दुपरें १२ बजे - समाज रचना
-"- १.३० बजे ज्यौनार
दुपर लौटें २.३० बजे आठवों सत्र- उप बोलियों के आधार पै मानकीकरण
४ बजे अंतिम सत्र सार/निष्कर्ष, संकल्प, फोटो ग्रुप विदाई.

स्वागत

बुंदेलखंड मध्य भारत कौ भौतई महत्वपूर्ण भू-भाग आय । इते बुन्देली बोली जात है जौ भौतई मीठी आय । जौ ब्लॉग जई मीठी बुन्देली कौ परसाद पूरी दुनिया में बाँटबे के उद्देश्य सै रचौ गओ है । एई माध्यम से पूरी दुनिया में बगरे भये बुंदेलों से उनकी बोली-बानी में बत्काव करबे एक मंच सुई मिल जैहे । तौ सभई झनों खों बड़े प्रेम से बुलौआ आय कि जा ब्लॉग पे पधारो जू उर छक कै मीठी बुन्देली कौ परसाद पाओ जू । अपनी बुन्देली की जौन मिठास आपने सैंती धरी होए बा खों खुले दिल सै और दोई हातों से बाँट डारौ जू । अपनी बुन्देली भाषा, संस्कृति, रीत-रिवाज, कहबे कौ मतलब बुंदेलखंड की आन-बान- उर शान के बारे में जे कछू कहबो या बताबो चाहौ बौ सब कछू पोस्ट करौ जू । सर्त एकई आय - जे कछू लिखौ बौ अपनी मीठी बुन्देली मेंई लिखौ जू । संगै फोटू सुई होयें तौ का पूछ्बी-?????